शंभूनाथ का तिलिस्म (Shambhunath Ka Tilism) (Record no. 50487)
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fixed length control field | 03304 a2200157 4500 |
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION | |
control field | 20250426120319.0 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
International Standard Book Number | 9788183226714 |
041 ## - LANGUAGE CODE | |
Language code of text/sound track or separate title | Hindi |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 823 PAL |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | पालीवाल, आर.के.(Paliwal, R.K. ) |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | शंभूनाथ का तिलिस्म (Shambhunath Ka Tilism) |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Name of publisher, distributor, etc | मंजुल पब्लिशिंग हाउस(Manjul Publishing House) |
Place of publication, distribution, etc | नई दिल्ली(New Delhi) |
Date of publication, distribution, etc | 2017 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Extent | 171 |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc | समाज में आए दिन बहुत कुछ घटित होता है I एक लेखक का संवेदनशील ह्रदय कैसे उन घटनाओं को अपनी कल्पनाशक्ति से तराशकर पठनीय और सार्थक कहानियों का रूप देता है, यह इस कथा संकलन की विशेषता है I प्रत्येक कहानी एक दूसरे से अलग और अनूठी है I<br/>इन कहानियों में लेखक ने सरकारी महकमे में व्यास भ्रष्टाचार को उजागर किया है, नौकरशाही की विद्रूपताओं को उकेरा है, ग़रीबी से जूझने का जज़्बा दिखाया है, आधुनिक युवा दिलों में पनपने वाली मोहब्बत और नफ़रत को बख़ूबी बयां किया है, वृद्धों की उपेक्षा का मार्मिक चित्रण किया है, कुदरत के नज़ारों का मनोहारी खाका खींचा है, शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया है, धन की लिप्सा और उसके उपयोग पर सार्थक बहस छेड़ने की कोशिश की है, साथ ही नशे और वासना के जाल में फँसकर होने वाले अनैतिक कृत्यों का बेबाकी के साथ खुलासा किया है तथा समाज में प्रचलित अंधविश्वासों पर भी चोट की है I<br/>इस संग्रह की कहानियाँ ज़िन्दगी के खुरदरे यथार्थ और कल्पनाशीलता की उड़ान के इर्द-गिर्द घूमती हैं I ये आपके दिल को स्पर्श करती हैं, कहीं हंसाती-गुदगुदाती हैं, मानवीय संवेदना व करुणा से औतप्रोत कर देती हैं और अंत में आपको ऐसे मोड़ पर छोड़ देती हैं, जहाँ आप गंभीरता से सोचने को विवश हो जाते हैं . |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Koha item type | Book |
Source of classification or shelving scheme | Dewey Decimal Classification |
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