000 | 01586 a2200205 4500 | ||
---|---|---|---|
005 | 20250426184311.0 | ||
020 | _a9788170284369 | ||
041 | _aHindi | ||
082 | _a891.23 SHA | ||
100 | _aशर्मा, विष्णु (Sharma, Vishnu) | ||
245 | _aपंचतन्त्र (Panchatantra) | ||
260 |
_bRajpal & Sons _aDelhi _c2025 |
||
300 | _a152 | ||
520 | _aपंचतन्त्र’ विश्व साहित्य को भारतीय साहित्य की सबसे महत्त्वपूर्ण देन है। पंचतन्त्र की लोकप्रियता इस बात से आंकी जा सकती है कि विश्व की अधिकांश भाषाओं में इसका अनुवाद हो चुका है। विष्णु शर्मा द्वारा रचित ‘पंचतन्त्र’ की छोटी-छोटी कहानियाँ राजनीति और व्यवहार नीति की सीख देती हैं। सीधी सरल भाषा में लिखी ये कहानियाँ अंत में ऐसा गूढ़ संदेश दे जाती हैं जो देर तक पाठक को याद रहती हैं। | ||
650 | _aFiction | ||
650 | _aLiterature | ||
650 | _aLegends and Mythology | ||
700 | _aविद्यालंकार, सत्यकाम (Vidyalankar, Satyakam) (Translator) | ||
942 |
_cBK _2ddc |
||
999 |
_c50483 _d50483 |